शाहिद सिद्दीकी. आजाद पर जुल्म
कानपुर 6 जनवरी सोमवार दक्षिण भारतीय 157 वार्षिक प्राचीन महाराज प्रयाग नारायण मंदिर शिवाला में श्री बैकुंठ महोत्सव मनाया गया। यह पाँच दिवसीय उत्सव प्रतिवर्ष पौष शुक्ल पक्ष की एकादशी से पूर्णमासी तिथि तक मनाया जाता है। संस्कृत एवं तमिल भाषा में मंत्रोउचारण के साथ आज प्रथम दिन एकादशी प्रातः 10 बजे वैकुंठ नाथ लक्ष्मी नारायण की जयघोष के साथ आरती उतारी गयी। प्रबंन्धक अभिनव तिवारी एवं अध्यक्ष मुकुल तिवारी के साथ असंख्य भक्तगण भगवन श्री वैकुंठ नाथ के भव्य स्वर्ण सिंहासन को कंधे पर रखकर इस बैकुंठ द्वार से बहार आये साथ में दक्षिण भारत के चार आचार्य (आलवार ) के सिंघासन भी रहे यह वैकुंठ द्वार 6 जनवरी से 10 जनवरी 2020 तक खुला रहेगा। यह स्वर्ण सिंघासन की शिवाला मंदिर प्रांगण की जगह जगह आरती उतारी गयी विशेष निर्मित अंग वस्त्रं एवं महाप्रसाद का भक्तो की वितरित करते परिक्रमा हुई। यह महोत्सव आम जनमानस में बड़े पेड़े वाला उत्सव के नाम से चर्चित है।
उत्तर भारत में वृन्दावन के अतिरिक्त भक्ति एवं आस्था का यह स्वरुप कानपूर में इसी स्थान में देखने को मिलता है आम जनमानस भक्तो ने इस अवसर पर आज दिन भर वैकुंठ द्वार से अंदर आकार एवं लौटकर अति उत्साहित भक्तिभाव से देखे गए । इस मंदिर के प्रबंधक अभिनव नारायण तिवारी एवं अध्यक्ष विजय नारायण तिवारी 'मुकुल ' के नेतत्व में सम्पन हुआ। इस उत्सव में वृन्दावन, नेपाल, गोंडा एवं अयोध्या से आचार्य ने भाग लिया। महंत एवं सार्वजानिक एकादशी का भंडार संपन्न हुआ जिसमें दही, पैदा, फलहरी महाप्रसाद वितरित हुआ। प्रमुख रूप से अनिल कुमार शर्मा, अरुण पाठक, कमलेश दीक्षित, बद्री नारायण तिवारी, अविनाश चंद्र बाजपाई, अवधेश बाजपाई, राजेंद्र पांडेय, अजय कुमार शर्मा , दिवाकर शर्मा , भोलू शर्मा, उमंग अग्रवाल, राघव तिवारी, विजय पांडेय आदि लोग मौजूद रहे।